33 खनन पट्टाधारियों को प्रशासन ने भेजा नोटिस

पत्थर खदान के लिए लीज एकरारनामा के दौरान गलत मूल्यांकन कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने
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2025-03-26 15:50:31

पत्थर खदान के लिए लीज एकरारनामा के दौरान गलत मूल्यांकन कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने वाले 33 पत्थर व्यवसायियों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त हो गया है। गलत मूल्यांकन कर स्टाम्प ड्यूटी एवं निबंधन प्रभार में अल्पारोहन के मामले में उपायुक्त सह जिला निबंधक मनीष कुमार के निर्देश पर पाकुड़ जिला के 33 पत्थर व्यवसायियों से 1 करोड़ 71 लाख 45 हजार 737 की वसूली की कार्रवाई शुरू की गई है। जिला विधि शाखा के प्रभारी पदाधिकारी विकास कुमार त्रिवेदी ने संबंधित 33 खनन पट्टाधारियों को गलत मूल्यांकन कर मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क की बकाया राशि को जमा करने के लिए नोटिस निर्गत किया है जिन पत्थर कारोबारियों को मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क राशि वसूली को लेकर नोटिस जारी किया गया है उनमें बालेश्वर स्टोन वर्क्स, महादेव स्टोन वर्क्स, अतानु सिंन्हा, मेसर्स एनएस एंड सन्स कॉरपोरेशन, चाचा भतीजा स्टोन वर्क्स, खपड़ाजोड़ा माइंस के जय किशन लखमानी, मेसर्स अजहर इस्लाम, मेसर्स जेल दास कंपनी, मेसर्स बसंत स्टोन वर्क्स, मेसर्स अब्दुल हक दादा भाई स्टोन वर्क्स, मेसर्स महादेव स्टोन प्रोडक्ट, सतीश कुमार लखमानी, मोरफुल शेख, पीसी पांडेय, इशहाक शेख, प्रदीप भगत, नेशनल स्टोन वर्क्स, प्रकाश चौधरी, रागदा मुर्मू, खपड़ाजोला स्टोन माइंस के श्याम मध्यान, सुंदर पहाड़ी स्टोन माइंस के मुख्लेसर आलम, रेहाना सुल्तान, हीरालाल भगत आदि शामिल है।* महालेखाकार द्वारा अंकेक्षण के दौरान स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन प्रभार में अल्पारोहन का मामला प्रतिवेदित करते हुए वसूली का निर्देश दिया गया था। जिला अवर निबंधक विकास कुमार त्रिवेदी द्वारा स्टाम्प ड्यूटी एवं निबंधन प्रभार की राशि वसूली को लेकर 33 बकायेदारों को भारतीय मुद्रांक अधिनियम 1899 की धारा 47 (ए) के तहत उपायुक्त न्यायालय में मामला दायर कराया गया और उपायुक्त के न्यायालय में सभी बकायेदार भागीदार खनन पट्टाधारियों जिन्होंने गलत तरीके से लीज एकरारनामा के लिए कराई रजिस्ट्री के दौरान गलत मूल्यांकन का स्टांप ड्यूटी एवं निबंधन शुल्क का नुकसान सरकार को पहुंचाया था को नोटिस निर्गत करते हुए बकाया राशि जमा करने का आदेश जारी किया गया है। समय पर मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क की बकाया राशि जमा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी गई है। जिन 33 खनन पट्टाधारियों को स्टांप ड्यूटी व निबंधन शुल्क में अल्पारोहन को लेकर वसूली के लिए कारवाई शुरू की गई है उनमें से लगभग 30 प्रतिशत पट्टाधारियों द्वारा उत्खनन का काम लीज की अवधि खत्म होने के बाद बंद कर दी गई है। जबकि अधिकांश पट्टाधारियों द्वारा उत्खनन का काम लीज की अवधि खत्म होने के बाद बंद कर दी गई है। जबकि अधिकांश पट्टाधारियों द्वारा आज भी अपने लीज एरिया में पत्थरों का उत्खनन के साथ-साथ उसका संप्रेषण भी किया जा रहा है। झारखंड राज्य अलग बनने के लिए खासकर लीज एकरारनामा के लिए कराये गये निबंधन में मुद्रांक और निबंधन फीस में पाई गई कमी को लेकर पट्टाधारियों से वसूली की कार्रवाई करने का जिला में पहली बार हो रही है।

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