2025-03-28 23:23:23
नारनौल, 28 मार्च। पिछले कुछ दिनों से चल रही है नसीबपुर के स्वतंत्रता संग्राम में अमर शहीद राव तुलाराम के नेतृत्व में शहीद हुए कई हज़ार शहीदों की याद में स्मारक बनाने को लेकर छिड़ी राजनीतिक बहस पर अपना मत व्यक्त करते हुए नांगल चौधरी के पूर्व विधायक एवं पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ अभय सिंह यादव ने कहा कि शहीदों के सम्मान में एक सुंदर शहीद स्मारक बनाने के लिए व्यर्थ के वाद विवाद में फंसने की बजाय स्मारक बनाने की कार्यवाही को गति देना सरकार व जनप्रतिनिधियों दोनों की ही ज़िम्मेवारी है। 1857 में नसीबपुर के मैदान में एक अद्भुत इतिहास लिखा गया था जिसकी याद मात्र पूरे राष्ट्र को सदैव रोमांचित एवं प्रेरित करती रहेगी। शहीदों का सम्मान करना एक राष्ट्रीय ज़िम्मेवारी है क्योंकि शहीद इस पूरे राष्ट्र की धरोहर हैं। उन्हें किसी परिवार, जाति, धर्म या क्षेत्र विशेष से जोड़ना शहीदों के सम्मान की बात नहीं है। परंतु 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को अब तक लागू न कर पाना हम सभी की असफलता है कि पिछले 10 साल में सरकार में रहते हुए भी हम इसका निर्माण नहीं करवा पाए। इसलिए हमें दूसरों को कोसने की बजाय अपने आप में ही आत्म चिंतन की आवश्यकता है। डॉक्टर यादव ने कहा कि उचित यह होगा कि हम इस व्यर्थ के आरोप प्रत्यारोप से बाहर निकलकर एक सुंदर स्मारक बनाने की योजना बनाएं। उन्होंने इस पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद स्मारक एक बहु आयामी कंप्लेक्स के रूप में विकसित किया जाए जिसमें भव्य स्मारक के साथ ही एक सुंदर पार्क, थियेटर (रंगशाला), एक इनडोर स्टेडियम, स्विमिंग पूल एवं लाइब्रेरी आदि की ऐसी सुविधाएं इसके साथ विकसित की जाएं कि क्षेत्र और शहर का हर नागरिक इस स्मृति से लगातार जुड़ा रहे। रंगशाला में न केवल देश भक्ति के आयोजन होते रहें बल्कि इसके साथ ही उसी भवन को टाउन हाल के रूप में भी नागरिक सभाओं के आयोजन स्थल के रूप में उपयोग किया जा सकता है। युवाओं के लिए इनडोर गेम्स की सुविधा इनडोर स्टेडियम में उपलब्ध हों वहीं विद्यार्थियों के लिए उच्चकोटि की लाइब्रेरी की स्थापना हों। इन सभी सुविधाओं के साथ ही एक सुंदर पार्क भी विकसित किया जाए ताकि शहर का आम नागरिक कुछ समय यहां सुविधा अनुसार व्यतीत कर सके । डॉ यादव ने कहा कि नगरपरिषद नारनौल को इसके लिए भूमि उपलब्ध करवाकर सभी सुविधाओं से युक्त एक विस्तृत प्रस्ताव स्थानीय विधायक के माध्यम से सरकार को तुरंत भिजवाना चाहिए । उन्होंने कहा कि सरकारों के पास कभी ऐसे कामों के लिए बजट का अभाव नहीं होता केवल इन कामों को करने के लिए एक प्रबल इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है फिर कभी यह काम अधूरे नहीं रह सकते। केवल हमें इनको सिरे चढ़ाने के लिए भी जुनून के स्तर की गंभीरता दिखानी होगी।