लुवास के 3 वरिष्ट वैज्ञानिकों को बैंगलोर में मिली एनएवीएस फैलोशिप

लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के तीन वरिष्ट वैज्ञानिकों कुलपति
News

2025-03-09 18:09:53

लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के तीन वरिष्ट वैज्ञानिकों कुलपति एवं अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. मनोज रोज, आई.पी.वी.एस. निदेशक डॉ. पवन कुमार, को राष्ट्रीय पशु चिकित्सा विज्ञान अकादमी की फैलोशिप से सम्मानित किया गया। वरिष्ट वैज्ञानिक एवं विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. मनोज कुमार रोज ने बताया कि बैंगलोर के कर्नाटक पशु चिकित्सा पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा एन.ए.वी.एस. का 22वां दीक्षांत समारोह-सह राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन “पशुधन, मुर्गी पालन, स्वास्थ्य सेवा और पालतू जानवरों के पोषण के इष्टतम उत्पादन के लिए चुनौतियां और प्राथमिकताएँ”पर आयोजित किया गया | इस अवसर पर लुवास के तीनों वरिष्ट वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को उनकी पशु चिकित्सा विज्ञान में उपलब्धियों को देखते हुए यह सम्मान दिया गया है। कुलपति एवं अनुसंधान निदेशक प्रो. (डॉ.) नरेश जिंदल को शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार के विभिन्न क्षेत्रों में 35 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव है। डॉ. जिंदल ने एच.ए.यू हिसार के पशु चिकित्सा जन स्वास्थ्य एवं महामारी विज्ञान विभाग से मास्टर और पीएचडी की पढ़ाई की है। मिनेसोटा विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टरल फेलो के रूप में, उन्होंने टर्की में पॉल्ट एन्टराइटिस सिंड्रोम और जंगली पक्षियों में एवियन इन्फ्लूएंजा पर काम किया है। वह हरियाणा राज्य में पशुओं और पक्षियों की बीमारी की जांच करके किसानों की सेवा भी कर रहे हैं। डॉ. जिंदल ने न्यूकैसल रोग वायरस, संक्रामक बर्सल रोग वायरस, संक्रामक ब्रोंकाइटिस वायरस, पीपीआर वायरस, क्लासिकल स्वाइन बुखार वायरस, पशुधन के हेमोप्रोटोज़ोअन संक्रमण जैसे रोगजनकों का पता लगाने और उनकी रोकथाम पर विस्तार से अध्ययन किया है। इन रोगों के निदान में आणविक निदान तकनीक विकसित करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा, डॉ. जिंदल ने हरियाणा राज्य में भेड़ और बकरियों में पीपीआर, भेड़ पॉक्स, एंटरो टॉक्सिमिया, एफएमडी, माइकोप्लाज्मा संक्रमण और परजीवी रोगों के लिए महामारी विज्ञान अध्ययन की भी परिकल्पना की है। उनके मार्गदर्शन में, गाउट/ आंत्रशोथ से प्रभावित वाणिज्यिक बॉयलर मुर्गियों से चिकन एस्ट्रोवायरस और एवियन नेफ्रैटिस वायरस पर भी शोध किया गया है। वन हेल्थ की दिशा में एक तथ्यात्मक मार्ग प्रशस्त करने के लिए, उन्होंने प्रधान अन्वेषक के रूप में जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित दो परियोजनाओं को निर्देशित किया है (तपेदिक पर डीबीटी नेटवर्क कार्यक्रम और भारत में एंथ्रेक्स निदान और नियंत्रण पर डीबीटी नेटवर्क कार्यक्रम) । हाल ही में, उन्होंने लीड इंस्टीट्यूट के रूप में मिनेसोटा विश्वविद्यालय, यूएसए के साथ पोल्ट्री, जंगली पक्षियों, पोल्ट्री में श्वसन वायरस पर एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना भी पूरी की है।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion