वक्फ संशोधन विधेयक के 10 प्रमुख बदलाव

संयुक्त समिति की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 आज बुधवार को विचार और पारित किए जाने के लिए लोकसभा में पेश किया जाएगा
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2025-04-02 16:03:28

संयुक्त समिति की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 आज बुधवार को विचार और पारित किए जाने के लिए लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय तय किया है। बिल को एक ओर जहां जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कल्याणकारी बताया तो वहीं विपक्ष के कई नेताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया है। ऐसे में वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से होने वाले 10 प्रमुख बदलावों के बारे में जानना आवश्यक साबित होगा। अनिवार्य सत्यापन वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन करना होगा। कलेक्टर की भूमिका जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण और स्वामित्व निर्धारण का अधिकार दिया जाएगा। इसमें कलेक्टर की भूमिका होगी। गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य होगा। महिलाओं का प्रतिनिधित्व बोर्ड और परिषद में कम से कम दो महिलाओं को शामिल करना जरूरी होगा। हाईकोर्ट में अपील का अधिकार विवादों में अब ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी, जो पहले संभव नहीं था। दान की शर्त बिना दान के कोई संपत्ति वक्फ की नहीं मानी जाएगी, जिससे केवल दावे के आधार पर संपत्ति हड़पने की प्रथा खत्म होगी। पारदर्शिता में सुधार सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल पर करना अनिवार्य होगा। सरकारी संपत्तियों पर रोक सरकारी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति के रूम में दावा करने पर प्रतिबंध लगेगा। वक्फ-अल-औलाद में बदलाव वक्फ-अल-औलाद (परिवार के लिए वक्त) में महिलाओं सहित उत्तराधिकारियों को विरासत से वंचित नहीं किया जा सकेगा। अतिक्रमण पर रोक संरक्षक के लिए सख्त दंड होंगे, जिसमें छह महीने तक की जेल और 20,000 से एक लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है। उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन विधेयक का मूल उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन संबंधी कमियों को दूर करना है। विधेयक को पिछले वर्ष अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था। बिल पर और अधिक विचार-विमर्श के लिए, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया था। समिति को लगभग 97 लाख सुझाव प्राप्‍त हुए थे।

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