2022-10-06 18:40:28
विश्व में हर दिन की एक अलग पहचान है। प्रत्येक दिन की पहचान किसी न किसी रूप में अपने मायने रखती है। बात यदि हम वर्तमान माह अक्टूबर की करें तो अक्टूबर में ही पहला दिन यानी 1 अक्टूबर 2022 को अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया गया। 2 अक्टूबर को देश की दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन मनाया गया। साथ ही 3 अक्टूबर जर्मन एकता दिवस, 4 अक्टूबर विश्व पशु कल्याण दिवस, 5 अक्टूबर विश्व शिक्षक दिवस तथा 6 अक्टूबर जर्मन-अमेरिकी दिवस के रूप में पहचाने जाते हैं।
इसी कड़ी में 7 अक्टूबर का भी अपना अलग महत्व है। इस दिन को हम ‘विश्व कपास दिवस’ के रूप में मनाते हैं। खासकर भारत में कॉटन का सर्वाधिक प्रचलन है, इसलिए इस दिन का महत्व प्रत्येक भारतवासी के लिए अहम है। मनुष्य की तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं, जिन्हें पाने के लिए वह हर बुरा और भला काम करने के लिए उतावला रहता है। वे आवश्यकताएं हैं रोटी, कपड़ा और मकान। तीनों आवश्यकताओं में कपड़े का अपना अलग ही महत्व है। हर कोई चाहता है कि वह अच्छे कपड़े पहनकर बाहर निकले ताकि अन्य लोगों पर उसका अच्छा प्रभाव पड़े। बात करते हैं हम अंतरराष्ट्रीय कपास दिवस की, तो भारतीय खेती में कपास की खेती का महत्वपूर्ण योगदान है। पहला कपास दिवस 7 अक्टूबर 2019 को मनाया गया था। जिसकी पहल चार देशों बेनिन बुर्किना फासो चाड और मलिक ने की थी। तब से लेकर हर साल यह दिन मनाया जाने लगा। मनुष्य की तीन मूलभूत आवश्यकताओं में कपड़ा भी शामिल है और कपड़ा बनाने के लिए कपास बहुत ही जरूरी है। भले ही फैशन के दौर में अब फैब्रिक की कई सारी वैराइटी शामिल हो चुकी हैं लेकिन टिकाऊ, फैशनेबल की कैटेगरी में आज भी कॉटन ही नंबर वन है। आज का दिन दुनियाभर में विश्व कपास दिवस ( वर्ल्ड कॉटन डे) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र, विश्व खाद्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र और अंतरराष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति द्वारा मनाया जाता है। कपड़ा भले ही जरूरी आवश्यकताओं में शामिल है लेकिन कॉटन उद्योग को उस तरह का महत्व नहीं दिया जाता जिस तरह उसे मिलना चाहिए। कॉटन उद्योग महज कपड़े बनाने का ही काम नहीं करता बल्कि कई लोगों के रोजगार का भी जरिया है। इसे छोटा या कमतर समझना सही नहीं होगा।
विश्व कपास दिवस का मुख्य उद्देश्य है कपास के उत्पादन, रोजगार, जोखिम और बदलावों को मान्यता देना। लोगों में कॉटन के कपड़ों के प्रति जागरूकता पैदा करना कि ये पुराने और आउट ऑफ फैशन नहीं बल्कि बहुत ही एलीगेंट फैशन में शामिल हैं। कपास से संबधित तकनीकी विकास, अनुसंधान को बढ़ावा देना। विश्व कपास दिवस विश्वभर में कपास अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालने का काम करेगा क्योंकि कपास विश्वभर में कम विकसित, विकासशील तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिए अहम है। यह दिवस अपने गुणों से, प्राकृतिक फाइबर के रूप में, व्यापार और उपभोग से लोगों को मिलने वाले लाभों हेतु कपास के कई फायदे बतायेगा। कपास कपड़ा उद्योग के लिए अति महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त यह लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी प्रदान करता है। एक टन कपास 5 या 6 लोगों को वर्ष भर का रोजगार प्रदान करता है। इस दिवस काे मनाने का उद्देश्य विश्वभर में कपास अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करना है। इस दिवस का शुभारंभ कार्यक्रम सदस्यों, निजी क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय विकास समुदाय हेतु ज्ञान साझा करने तथा कपास से संबंधित गतिविधियों एवं उत्पादों का प्रदर्शन करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। विश्वभर में कपास का उत्पादन किया जाता है। कपास का एक टन हरेक साल औसतन पांच लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
कपास शुष्क-प्रतिरोधी फसल है। यह शुष्क जलवायु के लिए आदर्श है। यह विश्व की कृषि योग्य भूमि का मात्र 2.1 प्रतिशत हिस्सा है और फिर भी यह विश्व के 27 प्रतिशत वस्त्रों की आवश्यकता को पूरा करता है। कपड़ा तथा परिधान में उपयोग किए जाने वाले इसके फाइबर के अतिरिक्त, खाद्य उत्पाद भी कपास से प्राप्त होते हैं।