राजगीर मलमास में होता है 33 करोड़ देवीदेवताओं का वास!, पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मिलती है शांति

सरकार की ढीली हो रही गांठ भी देखने को मिल गई जब बिहार के मुख्यमंत्री तो बतौर मुख्य अतिथि मेले के उद्घाटन में शामिल हुए पर उनके सहयोगी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उन्हीं के पार्टी के भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता इस कार्यक्रम से नदारद रहे।
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2023-07-20 18:23:06

धार्मिक मान्यता है कि मलमास में सभी देवता राजगीर में वास करते हैं इस दौरान सभी प्रकार का पूजा-पाठ धार्मिक अनुष्ठान वर्जित रहता है आज से बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में मलमास मेला प्रारंभ हुआ इस मेले के उद्घाटन के साथ ही महा गठबंधन सरकार की ढीली हो रही गांठ भी देखने को मिल गई जब बिहार के मुख्यमंत्री तो बतौर मुख्य अतिथि मेले के उद्घाटन में शामिल हुए पर उनके सहयोगी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उन्हीं के पार्टी के भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता इस कार्यक्रम से नदारद रहे। नीतीश कुमार चार्टर प्लेन से बंगलुरु में विपक्षी नेताओं की आयोजित बैठक में भाग लेने गए थे चार्टर प्लेन बुक किया गया था उसे नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की तरफ से किया गया था उसी चार्टर प्लेन से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव जी बंगलोर गए थे बैठक भी हुई विपक्ष का नामकरण भी हुआ पर नीतीश कुमार इसमें जो भूमिका चाहते थे वह भूमिका उनको नहीं मिली संयोजक के रुप में तय हुआ कि ग्यारह नेता यह रूपरेखा तय करेंगे प्रेस वार्ता के पूर्व नीतीश कुमार बेंगलुरु से पटना लौटे चुकी उन्हीं के चार्टर प्लेन से तेजस्वी और लालू भी गए थे इसलिए सब को वापस लौटना पड़ा आज बिहार के तमाम अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन छपे थे जिसमें यह बताया गया था कि मलमास मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे इस अवसर पर मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मंत्री विजय कुमार चौधरी संजय झा और राजद कोटे के मंत्री आलोक मेहता भी उपस्थित रहेंगे उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए दोपहर 12:00 बजे नीतीश कुमार सरकारी हेलीकॉप्टर से राजगीर के लिए रवाना हुए पर राजद कोटे के ना तो मंत्री और ना ही उपमुख्यमंत्री उद्घाटन समारोह में पहुंचे हालांकि ऊपर से सब कुछ सामान्य दिख रहा है पर अंदर ही अंदर महागठबंधन की गांठे ढीली होती जा रही है कांग्रेस भी आप सीना तान कर वाजिब हक मांग रही है जबकि राजद के अधिकांश विधायकों को लगता है कि नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं हालांकि इनके खिलाफ कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इस बार बिहार में नीतीश उस भूमिका में भी नहीं है कि एक तरफा निर्णय लें अगर इस बार नीतीश कुमार पलटी मारते हैं तो इसका सीधा फायदा तेजस्वी यादव को होगा। दोनों घटक दलों के बीच तीखे होते रिश्ते की झलक पिछले दिनों राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह और जदयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी के बीच मीडिया में रस्साकशी से भी समझा जा सकता है जिसमें नीतीश कुमार ने उल्टे सुनील सिंह को साधने की कोशिश की और सुनील सिंह ने विधायक दल की बैठक में ही मुख्यमंत्री को जमकर सुनाया। हालांकि इस एपिसोड को लालू यादव और तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप के बाद बंद कर दिया गया लेकिन मलमास मेले के उद्घाटन में उप मुख्यमंत्री और राजद कोटे के मंत्री के अनुपस्थिति जरूर उस कहानी को बयां कर रहा है जो महागठबंधन के अंदर चल रहा है। अनूप नारायण सिंह, वरिष्ठ पत्रकार एवं सदस्य फिल्म सेंसर बोर्ड कोलकाता, (सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार)

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