प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4,900 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया

इन परियोजनाओं से लोगों का जीवन-यापन आसान होगा और क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी-प्रधान मंत्री
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2024-10-29 12:47:20

विनोद कुमार सिंह, स्वतंत्र पत्रकार अमरेली /राष्ट्रीय : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कृशल नेतृत्व व तृतीय कार्यकाल में भारत अपनी विकाश की नई गाथा लिख रहा है। इस क्रम में प्रधान मंत्री अपने गृह राज्य गुजरात के अमरेली जिले में 4,900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया। इन विकास परियोजनाओं में रेल, सड़क,जल विकास और पर्यटन क्षेत्र शामिल हैं। इनसे राज्य के अमरेली,जामनगर, मोरबी,देवभूमि द्वारका,जूनागढ़, पोरबंदर, कच्छ और बोटाद जिलों के नागरिकों को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए धनतेरस व दिवाली के त्यौहारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि त्यौहार संस्कृति का जश्न मनाते हैं,लेकिन विकास में चल रही प्रगति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।उन्होंने गुजरात में कई प्रमुख परियोजनाओं के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि वडोदरा की अपनी यात्रा का जिक्र किया,जहां उन्होंने भारतीय वायुसेना के लिए मेड इन इंडिया विमान बनाने के लिए समर्पित भारत के पहले कारखाने का उद्घाटन किया। अमरेली में भारत माता सरोवर के बारे मे कहा कि यहां पानी,सड़क और रेलवे से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है।इन परियोजनाओं से सौराष्ट्र और कच्छ में लोगों का जीवन आसान होगा, क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी, स्थानीय किसान समृद्ध होंगे और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।सौराष्ट्र में अमरेली की धरती ने भारत को अनेक रत्न दिए हैं,अमरेली का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक,साहित्यिक और राजनीतिक,हर दृष्टि से गौरवशाली अतीत रहा है। अमरेली श्री योगीजी महाराज और भोज भगत के साथ-साथ लोक गायक और कवि दुलभैया काग, कलापी जैसे कवि, विश्व प्रसिद्ध जादूगर के लाल और आधुनिक कविता के प्रणेता रमेश पारेख की कर्मभूमि है। उन्होंने आगे कहा कि अमरेली ने गुजरात को अपना पहला मुख्यमंत्री श्री जीवराज मेहता जी भी दिया है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा को ढोलकैया परिवार ने मजबूत किया है, जो गुजरात सरकार की जल संरक्षण से जुड़ी 80/20 योजनाओं से जुड़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने पानी के महत्व पर जोर दिया,खासकर गुजरात और सौराष्ट्र के लोगों के लिए, जिन्होंने लंबे समय से पानी से जुड़ी चुनौतियों का सामना किया है। इस अवसर पर उन्होंने अतीत को याद किया जब सौराष्ट्र को पानी की कमी के कारण पलायन के लिए जाना जाता था और कहा, आज, स्थिति बदल गई है। अबनर्मदा का पानी गांवों तक पहुंचता है उन्होंने जलसंचय और सौनी योजना जैसी सरकारी पहलों की सराहना की, जिससे भूजल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की समस्या को कम किया जा सकता है और नदी को गहरा करने और चेक डैम के निर्माण से वर्षा जल को भी प्रभावी ढंग से संग्रहित किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आसपास के क्षेत्रों में पीने के पानी से संबंधित मुद्दों का भी समाधान किया जाएगा जिससे लाखों लोगों को लाभ होगा। पिछले दो दशकों में हर घर और खेत तक पानी पहुंचाने में गुजरात की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि हर कोने तक पानी पहुंचाने के लिए राज्य के निरंतर प्रयास जारी हैं और आज की परियोजनाओं से क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ होगा। नर्मदा-चावंड बल्क पाइपलाइन परियोजना से लगभग 1,300 गाँव और 35 से अधिक शहर लाभान्वित होंगे, जिसका असर अमरेली,बोटाद, जूनागढ़, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से इन क्षेत्रों में हर दिन अतिरिक्त 30 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति होगी। पसवी समूह सौराष्ट्र क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना के दूसरे चरण की आधारशिला रखने का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तलाजा, महुवा और पालीताणा तालुका की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने बताया, “एक बार पूरा हो जाने पर, लगभग 100 गाँव इस परियोजना से सीधे लाभान्वित होंगे।”

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