2025-03-16 20:05:55
मनभावन फागुन फांग लाई रे दिलों से नफरत नज़रों से घृणा प्यार भाईचारा बढ़ाने होली आई रे आई होली आई रे. बेरंगो को रंगने ईर्ष्या को जलाने सबको एक करने आई रे आई होली आई रे. उत्साह उमंग देने नीरसता जीवन से हटाने त्योहार रंगों का लेकर आई रे आई रे आई रे आई होली आई रे. सब एक समान रंग रूप जात-पात उच-नीच का नही कोई स्थान फिर ये बतलाने सांझा कर रहने समझाने आई रे आई रे आई रे आई होली आई रे. मूल रंग सबका एक ही रे आओ खेलो होरी रे। हो होली होली रे. नाचों गाओ झूमों रे तन मन खूब भिगोओ रे होली होरी जानो रे हो होली होरी रे आओ खेलो होली रे. पक्ष विपक्ष सब मिलकर गाओ ढ़ोल मंजिरा मृदंग बजाओ रंग ढंग रिवाज अलग भले ही पर प्रकृति सबकी एक ही रे हो होली होरी री आओ होली खेलो रे. सब रंग हो खुशी के फुलवारी में एक ही उपवन के हम सब फूल रे खुशबू महके घर घर आंगन इंद्रधनुषी सा जीवन महके रे हो होली होरी रे आओ खेलो होरी रे। प्रेम प्रकाश उपाध्याय नेचुरल पिथौरागढ़ उत्तराखंड