2023-09-04 18:41:53
- के पी मलिक मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक में कई संकल्पों पर निर्णय लिया गया। इसके तहत सभी दल मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। राज्यों में किस आधार पर सीटों का बंटवारा होगा। इस पर भी विचार किया जा रहा है। लेकिन मेरा सवाल दूसरा है कि 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में अगर 22 सितंबर को लोकसभा को भंग कर दिया जाता है? तो निर्वाचन सदन और दूसरी एजेंसियां किसके निर्देशन पर चलेंगी और उसके बाद विपक्ष की क्या भूमिका होगी? यह भी सोचनीय सवाल है? बहरहाल क्या पीएम मोदी एक देश एक चुनाव के मामले पर देश में एक बहस छेड़ना चाहते हैं? क्योंकि हमने अपने वरिष्ठ पत्रकारों से सुना है कि एक देश एक चुनाव की बात मोदी से पहले लालकृष्ण आडवाणी भी किया करते थे। सूत्र यह भी बताते हैं कि भाजपा और संघ इस मामले पर लगातार तैयारी कर रहे है। लेकिन चुनाव से चंद महीने पहले इस मुद्दे को उछाल कर वें देश में एक नया माहौल बनाना चाहते हैं? क्योंकि वह लगातार कई विधानसभा में हार गए हैं और आगामी पांच विधानसभा चुनाव में भी उनको अपनी हार दिखाई देती है? अगर मान भी लिया जाए कि एक देश एक चुनाव सबके हित में है तो क्या इतने सीमित समय में यह कार्य संभव है? और क्या देश इसके लिए तैयार है यह बड़ा सवाल है? के पी मालिक