गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय दूसरे दीक्षांत समारोह की तैयारियां जोरों पर, छात्रों से वसूला एक हजार रुपए प्रवेश शुल्क

7 वर्ष और आठ माह बाद अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित करने जा रहे
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2023-12-23 15:11:07

-राजेश बैरागी-

7 वर्ष और आठ माह बाद अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित करने जा रहे गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के दृष्टिगत समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इस समारोह में विश्वविद्यालय अपने सात हजार छात्रों को उपाधियां प्रदान करेगा। समारोह में भाग लेने के इच्छुक छात्रों से ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया है जिसके लिए एक हजार रुपए प्रवेश शुल्क वसूल किया गया है।

वर्ष 2008 में स्थापित और 511 एकड़ में फैले गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में आगामी 24 दिसंबर को दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले और विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह 12 अप्रैल 2016 को आयोजित किया गया था। मैं कभी यह नहीं समझ पाया कि विश्वविद्यालयों को उपाधियां प्रदान करने में इतना समय क्यों लगता है। इस दूसरे दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे जबकि भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि होंगे। दोनों विशिष्ट हस्तियों के आगमन के दृष्टिगत विश्वविद्यालय को सजाया संवारा जा रहा है। वर्षों से जमी अनावश्यक झाड़ियों को हटाया जा रहा है।

साफ सफाई और उद्यानीकरण में जुटे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी इंदु प्रकाश सिंह ने बताया कि कार्य की अधिकता के चलते लगभग सौ कर्मचारी नोएडा प्राधिकरण से मांगे गए हैं। इस दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय अपने सात हजार छात्रों को उपाधियां प्रदान करेगा। समारोह में सम्मिलित होने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया है और प्रवेश शुल्क के तौर पर एक हजार रुपए वसूल किए गए हैं। प्रवेश शुल्क वसूले जाने को लेकर उपाधि लेने आने वाले छात्रों में रौष भी है। उधर विश्वविद्यालय ने आगंतुकों को समय से प्रेक्षागृह में पहुंचने की अपील की है।

विश्वविद्यालय को अनुमान और बैठने की व्यवस्था से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। प्रेक्षागृह में स्थान न पाने वाले लोगों के लिए कार्यक्रम का सजीव प्रसारण बाहर एलईडी लगाकर किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डेढ़ दशक पूर्व 511 एकड़ में बनाए गए इस विश्वविद्यालय में केंद्रीय विश्वविद्यालय होने योग्य ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध हैं। परंतु राज्य सरकार और नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा वित्त पोषित इस विश्वविद्यालय में फैकल्टी आदि का अभाव अभी भी बना हुआ है।(नेकदृष्टि)

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