भारतीय संसद और अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में चूक को रेखांकित करना ज़रूरी

वैश्विक स्तरपर हाई प्रोफाइल सुरक्षा व्यवस्था में चूक पर साझा मंथन समय की मांग
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2023-12-22 14:10:14

दुनियां के कुशल व दिग्गज नेतृत्व, व्यक्तित्व की कड़ी सुरक्षा पर वैश्विक संगोष्ठी के प्रयास पर अंतरराष्ट्रीय मंचों को मंथन करना होगा - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर आज पूरी दुनियां में कुछ ऐसे कुशल व्यक्तित्व हैं जो पूरी मानव जाती प्रजाति के कल्याण करने के नेतृत्व में दिग्गज है, जिसमें भारत भी शामिल है। स्वाभाविक रूप से ऐसे व्यक्तित्व के दुश्मन पूरी दुनियां में कहीं भी हो सकते हैं विशेष रूप से उन व्यक्तियों के घरेलू देश में तो इसकी संभावना अधिक है इसका ताजा उदाहरण हमने 13 दिसंबर 2023 को भारतीय संसद में तथाकथित सुरक्षा व्यवस्था में चूक का अंजाम और आज दिनांक 18 दिसंबर 2023 को अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में चूक का मामला आया है। वैसे तो इसके पूर्व भी भारत अमेरिका सहित अनेको देशों में सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक होती रही है, परंतु वर्तमान समय में तेजी से बढ़ती प्रौद्योगिकी और विज्ञान के चलते खतरों की संभावनाएं भी बढ़ गई है और उनका विशाल प्रभाव भी बढ़ गया है, जिसे हम चमगादड़ से कोविड मामला भी देख चुके हैं इसलिए आज पूरी दुनियां में कुशल नेतृत्व के मानवता कल्याण में सहयोगी दिग्गज व पूरी दुनियां के लिए उस महत्वपूर्ण व्यक्तित्व की सुरक्षा को अब उस देश तक सीमित नहीं बल्कि वैश्विकस्तर पर मंथन करने के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन करना जरूरी है हो गया है ताकि सुरक्षा की नई तकनीक सुझाव कार्यक्रमों का आदान-प्रदान किया जा सके।

चूंकि अब वह कुशल नेतृत्व दिग्गज नेता सारे विश्व की बौद्धिक पूंजी है, क्योंकि उनके कुशल नेतृत्व से पूरी दुनियां को लाभ हो रहा है जिसे हम कोविड महामारी के समय में महसूस कर चुके हैं, इसीलिए चूंकि भारत और अमेरिका में आम चुनाव 2024 में होना निश्चित है, इसीलिए भारतीय संसद और अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में चूक को रेखांकित कर मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, वैश्विक स्तरपर हाई प्रोफाइल सुरक्षा व्यवस्था में चूक पर साझा मंथन समय की मांग है। साथियों बात अगर हम 13 दिसंबर 2023 को भारतीय संसद में सुरक्षा व्यवस्था में चुकी करें तो, देश की संसद में सुरक्षा की बड़ी चूक का मामला सामने आया है। यहां दो युवकों ने किसी तरह संसद में एंट्री की और सांसदों के बीच दर्शक दीर्घा से छलांग लगा दी, इससे लोकसभा में अफरातफरी का माहौल हो गया। इस मामले का वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि सदन में धुआं उड़ रहा है और घटना के बीच सांसद हड़बड़ाकर भाग रहे हैं।

कूदता फांदता युवक, धुआं-धुआं सदन और हड़बड़ाकर भागते सांसद, रोंगटे खड़े कर देने वाला है। जिसमें देखा जा सकता है कि दो लोग दर्शक दीर्घा से अचानक कूदकर सांसदों के बीच पहुंच गए। जिन दो युवकों ने सुरक्षा घेरे का उल्लंघन किया है, कनस्तर से जो धुआं निकल रहा था, वो जहरीला भी हो सकता था। यह सिक्योरिटी ब्रीच का गंभीरमामला है, खासकर 13 दिसंबर को, जिस दिन 2001 में संसद पर हमला हुआ था। लोकसभा में सिक्योरिटी ब्रीच मामले में एक सांसद ने कहा कि निश्चित रूप से यह बड़ी खामी है। जब पहला व्यक्ति कूदा तो हमें लगा कि वह गिर गया होगा, लेकिन जब दूसरा व्यक्ति भी कूदकर आ गया तो हम सभी सतर्क हो गए। उस शख्स ने अपना जूता खोलकर कुछ बाहर निकालने की कोशिश की, जिसके बाद धुआं फैलने लगा।इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

स्पीकर और जिम्मेदार लोग इस पर फैसला लेंगे। यह घटना हुई तो रक्षा मंत्री भी सदन में पहुंचे उसके हाथ में कुछ था, जिससे पीला धुआं निकल रहा था।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शून्यकाल के दौरान हुई घटना की गहनता से जांच की जा रही है,दिल्ली पुलिस को भी जरूरी निर्देश दिए गए हैं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह सिर्फ धुआं था, जिसको लेकर चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। इस मामले में ।लोकसभा में विपक्ष के नेता कहा कि आज ही हमने अपने उन बहादुर जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की,जिन्होंने संसद हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी और आज ही सदन के अंदर ये घटना हो गई। ये सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामी है। सभी सांसदों ने निडर होकर दोनों युवकों को पकड़ लिया, लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि जब यह सब हुआ तो सुरक्षा अधिकारी कहां थे? दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि घटना की तस्दीक की जा रही है,

सुरक्षा घेरा तोड़ने वालों से पूछताछ की जा रही है कि वे यहां तक कैसे पहुंचे और संसद आने का पास उन्हें किसने दिया। पता लगाया जा रहा है कि संसद में कूदने वालों से किसका क्या संबंध है। इस मामले में कई एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। इसी मामले को लेकर शीत सत्र में जोरदार हंगामा हो रहा है और मामले पर गृह मंत्री के बयान की मांग की जा रही है। साथियों बात अगर हम 18 दिसंबर 2023 को अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में चुकी करें तो उनके काफिले से एक तेज रफ्तार कार टकरा गई। अचानक हुई इस घटना के बाद यूएस प्रेसिडेंट की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कार चालक को घेर लिया और उस पर बंदूकें तान दीं। हादसे के समय जो बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन भी उनके साथ थीं। हालांकि, इस घटना में बाइडेन और उनकी पत्नी को किसी तरह की चोट नहीं लगी है। मीडिया के मुताबिक रविवार को जो बाइडेन का काफिलाडेलावेयर में उनके कैंपेन मुख्यालय केबाहर खड़ा था। बाइडेन काफिले में शामिल कार में सवार होने ही जा रहे थे कि इसी बीच बाइडेन से करीब 40 मीटर दूर चौराहे पर उनके काफिले में शामिल एसयूवी से एक सेडान कार टकरा गई। कार के टकराने के बाद जोरदार धमाका हुआ। अचानक हुई इस घटना से बाइडेन की सुरक्षा में तैनात सभी सुरक्षाकर्मी चौकन्ने हो गए और अमेरिकी राष्ट्रपति को तुरंत दूसरे वाहन में बैठाकर वहां से रवाना कर दिया। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति और प्रथम महिला दोनों ठीक हैं। आगे के सवाल-जवाब अमेरिकी सीक्रेट सर्विस कर रही है। दरअसल, डेलावेयर में कैंपेन मुख्यालय के बाहर राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी पत्नी जिल बाइडेन के साथ कर्मचारियों के साथ रात्रिभोज करने पहुंचे थे, यहां पत्रकारों ने बाइडेन से सवाल करने खत्म किए ही थे कि अचानक वहां मौजूद सभी लोगों ने जोरदार धमाके की आवाज सुनी। हादसा जानकारी के मुताबिक हादसे को अंजाम देने वाली कार सिल्वर रंग की थी, उसकी नंबर प्लेट पर डेलावेयर का लोकल नंबर ही दर्ज था। हादसे के बाद जब सुरक्षा कर्मियों ने कार को घेरा तो चालक ने तुरंत अपने हाथ ऊपर कर लिए इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने राष्ट्रपति को एक दूसरे वाहन में बिठाया और उन्हें विलमिंगटन शहर की इमारत से दूर ले जाया गया। बताया गया है कि अपने कैंपेन ऑफिस से निकलने के बाद राष्ट्रपति और प्रथम महिला ने कर्मचारियों के साथ डिनर किया था। ऐसे में काफी लोग यहां जमा थे,तभी अचानक एक कार आकर काफिले से भिड़ गई। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत ही इस कार को घेर लिया और वहां से ले गए। बता दें अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं।ऐसे में सभी संभावित कैंडिडेट चुनाव की तैयारियों में जुटने लगे हैं। बाइडेन भी 2024 के लिए चुनाव अभियान मुख्यालय का दौरा करने पहुंचे थे। बाइडेन और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी एक बार फिर से अमेरिका की सत्ता में लौटने की कोशिश में है। वहीं दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं। दोनों ओर से दौरे करने और रैलियां आयोजित करने का काम भी शुरू हो गया है। साथियों बात अगर हम इसके पूर्व भी अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था में चुकी करें तो, बीते साल एक प्राइवेट हवाई जहाज भूल से बाइडेन के डेलावेयर के प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गया था, ऐसे में उस समय भी सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को व्हाइट हाउस से बाहर निकाल लिया गया था। घटना के बाद बाइडेन के परिवार को रेहोबोथ बीच स्थित घर में शिफ्ट कर दिया गया था।इससे पहले सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए राष्ट्रपति बाइडन की सुरक्षा में चूक देखने को मिली थीदरअसल बाइडन के काफिले में शामिल एक कार को दूसरे यात्री को पहुंचाते हुए देखा गया था। कार में होटल और प्रगति मैदान में प्रवेश करने के लिए पास लगे थे, जिसे देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने कार को रोका।पूछताछ के बाद पता चला कि कार को आईटीसी मौर्या होटल से प्रगति मैदान जाना था, लेकिन इससे पहले चालक गाड़ी एक अन्य यात्री को लेने के लिए इस्तेमाल करने लगा था। इस घटना के बाद एजेंसियों ने चालक को हिरासत में लिया था। हाल ही में 13 नवंबर को जो बाइडेन की पोती नाओमी बाइडेन की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था। तीन अज्ञात लोगों ने नाओमी की एसयूवी की खिड़की तोड़ने की कोशिश की थी,जिसके बाद नाओमी की सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने फायरिंग की थी। सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स राष्ट्रपति बाइडेन की पोतीनाओमी की सुरक्षा में तैनात रहते हैं नाओमी अपनी सिक्योरिटी के साथ जॉर्जटाउन में थीं। उनकी एसयूवी कार एक जगह पार्क थी, जहां कुछ लोगों ने उनकी एसयूवी की खिड़की तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद उनके सुरक्षा कर्मियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय संसद और अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में चूक को रेखांकित करना ज़रूरी।वैश्विक स्तरपर हाई प्रोफाइल सुरक्षा व्यवस्था में चूक पर साझा मंथन समय की मांग।दुनियां के कुशल व दिग्गज नेतृत्व, व्यक्तित्व की कड़ी सुरक्षा पर वैश्विक संगोष्ठी के प्रयास पर अंतरराष्ट्रीय मंचों को मंथन करना होगा।

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