कम्प्यूटरीकरण की बत्ती गुल, फिर सजने लगीं ठोस फाइलें

किसी समारोह स्थल पर अचानक बिजली चली जाए तो क्या होता है?जो जहां खड़ा होता है
News

2023-12-23 15:12:54

राजेश बैरागी

किसी समारोह स्थल पर अचानक बिजली चली जाए तो क्या होता है?जो जहां खड़ा होता है,वह वहीं खड़ा रह जाता है और यदि कोई आगे बढ़ने का प्रयास करता है तो उसके गिर जाने का भय रहता है। क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ऐसी ही किसी परिस्थिति से गुजर रहा है? मैंने लगभग चार महीने पहले अपनी पोस्ट में प्राधिकरण की इस दुर्दशा की भविष्यवाणी की थी।प्राधिकरण का ई फाइलिंग का तंत्र पूरी तरह ठप्प हो गया है।डेस्कटॉप और लैपटॉप स्मारक के तौर पर अधिकारियों कर्मचारियों की मेजों पर सजे हैं परंतु किसी काम के नहीं।फिर से ठोस फाइलों का जमाना लौट आया है। परंतु इन ठोस फाइलों में काम कैसे किया जा सकता है। जहां से ई फाइलिंग शुरू हुई थी, उसके बाद का सारा कामकाज सर्वर में कैद है।जो फाइलें वर्तमान में किसी कार्य हेतु चल रही थीं, उनकी स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। नोटिंग गतिमान रहने के दौरान किस अधिकारी ने क्या आदेश दिया, क्या निर्णय लिया,यह सब डाटा सेंटर में जमा है।

दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार की सरकारी कार्यालयों को कम्प्यूटरिकृत करने और जनसुविधाओं को ऑनलाइन करने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को ईआरपी पर लाने की यात्रा फिलहाल थम गई है। पेपरलेस और फिर फेसलेस करने के मंसूबे धरे रह गए हैं।इसके लिए महिंद्रा टेक को ठेका दिया गया था।उसे ठेका देकर प्राधिकरण निश्चिंत हो गया था। उसने इस प्रणाली को कभी अपने हाथ में लेकर स्वयं चलाने के बारे में सोचा ही नहीं। महिंद्रा टेक का ठेका कितने करोड़ का था और कितने दिनों के लिए था, महिंद्रा टेक को क्या क्या करना था और प्राधिकरण को किस मोड़ पर ले जाकर छोड़ना था, इस सबके बारे में तमाम किंवदंतियां हैं।

आईएएस अधिकारियों की आपसी जंग में यह धनराशि कभी तीन सौ करोड़ रुपए तक बताई गई और दो वरिष्ठ अधिकारियों की महिंद्रा टेक को ठेका देने में निजी रुचि होने के आरोप भी लगाए गए। बीच में दिल्ली आईआईटी से इस पूरे मामले का ऑडिट कराने की चर्चा भी चली। बहरहाल महिंद्रा टेक के अपना सामान समेट लेने से प्राधिकरण किसी समारोह में बिजली चली जाने जैसी स्थिति में खड़ा हो गया है।(नेकदृष्टि)

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion