2023-12-18 14:20:36
राजेश बैरागी महीने भर पहले से गौतमबुद्धनगर जिला न्यायालय में जश्न का माहौल है। हर वर्ष होने वाले बार एसोसिएशन के चुनाव इस वर्ष भी हो रहे हैं। चुनाव 22 दिसंबर को है,उसी दिन मतदान और उसी दिन जीते हारे की घोषणा। अदालत रोजाना लगती हैं परंतु किसी का मन नहीं लगता। अधिवक्ताओं के चैंबरों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में मिठाई, नमकीन और भी बहुत कुछ पहुंचाने की होड़ लगी है। एक रखकर जाता है,दूसरा आता है।शाम का इंतजाम अलग है।लंच और डिनर अलग चल रहे हैं। अनुमान है कि अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का चुनावी खर्च मिलियनों में हो सकता है। इससे किसी को क्या फर्क पड़ता है? आज एक अदालत के न्यायाधीश अधिवक्ताओं से अदालत चलने देने की गुहार लगाते देखे गए।आम चर्चा है कि आगामी 18 दिसंबर से जिला न्यायालय में कलमबंद हड़ताल रहने वाली है। प्रतिदिन के हिसाब से अधिवक्ताओं के कार्य से विरत रहने का नोटिस जारी किया जाएगा।22 दिसंबर को चुनाव के बाद अगले दो दिनों शनिवार व रविवार को वैसे भी अदालतों में काम नहीं होता, जीत के खुमार में ऐसे भी काम नहीं होगा। तत्पश्चात अदालत में सर्दियों का अवकाश चलेगा।ले देकर अदालतें अगले वर्ष के पहले दिन से ही काम करेंगी।तब तक छोटे मोटे अपराधों में नामित आरोपियों को जमानत भी हासिल नहीं होगी। न्यायाधीश महोदय अधिवक्ताओं से अपनी इसी चिंता को व्यक्त कर रहे थे। हालांकि चुनाव की चकाचौंध में मस्त अधिवक्ताओं ने उनकी बात पर कान नहीं दिया। इस चकाचौंध में न्यायालय और बार एसोसिएशन की दीवारों पर लिखे स्लोगन वादकारी का हित सर्वोपरि धूमिल पड़ गये हैं।(नेकदृष्टि)